विकसित देशों के उन्नत होने का रहस्य

                 
                        विकसित देशों के - उन्नत होने का रहस्य

            विकसित देशों के इतिहास और उनके मनोविज्ञान के अध्ययन से पता चलता है कि-
            उनके विकसित होने, उनके शिक्षा और विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी के उन्नत होने का मूल आधार- उन देशो में जन्मे अतीन्द्रिय क्षमतावान विद्वानों तथा उनके आसपास स्थित रहस्यमय क्षेत्र या प्राचीन काल में विकसित प्राचीन सभ्यता से प्राप्त गुप्त ज्ञान का प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग किया जाना है।
             प्रायः वर्तमान में विकसित सभी देशों के आसपास प्राचीन काल में प्राचीन सभ्यताओं का विकास हुआ था या उनसे किसी न किसी रूप में गहरा सम्बन्ध रहा है या उस देश में अतीन्द्रिय मस्तिष्क क्षमतावान विद्वान् पैदा हुए अथवा आज भी उन देशों के आसपास रहस्यमय क्षेत्र स्थित है |या उन देशों के पास ध्यान-योग जैसी कोई  मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक उपलब्द्ध है जिसके कारण वहाँ का बौद्धिक स्तर , शिक्षा , विज्ञान तथा टेक्नोलोजी, जीवन स्तर उन्नत है.
             यही उनके उन्नत होने का गुप्त मुख्य आधार है. जिसे हमारे देश में अन्धविश्वास कहा जाता है जो हमारे देश के विकासशील होने का गुप्त आधार / रहस्य है.
              प्राचीन सभ्यता में आज की तरह विज्ञान टेक्नोलॉजी भले ही उन्नत ना रहा हो लेकिन उस जमाने के विद्वानों का बौद्धिक या मस्तिष्क क्षमता कुछ क्षेत्रो में अत्यंत उच्च रहा है।जिसका प्रमाण हमे आज भी विश्व के विभिन्न आश्चर्य या अनसुलझे रहस्य के रूप में देखने,सुनने को मिलता है।जो कि वर्तमान से पहले किसी समय में ज्ञान विज्ञान के बहुत उन्नत होने के संकेत/प्रमाण हैं।
                हमारे देश के प्राचीन ऋषि-मुनियो द्वारा प्रदत्त विभिन्न विषयों से सम्बंधित ज्ञान की विरासत आज भी विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। अगर लार्ड मैकाले तथा अन्य विदेशियों द्वारा प्रदत्त हमारे देशवासियों की मानसिकता को गुलाम बनाने वाली मान्यताओं को त्याग कर,उससे मुक्त होकर पतंजलि योग, ध्यान या प्राचीन भारतीय उन्नत ज्ञान विज्ञान.शिक्षा पद्धति, मान्यताओ की और ध्यान दिया जाय,आधुनिक ढंग से रिसर्च कर अपनाया, उपयोग किया जाय तो आज भी हमारे देश के सोने की चिड़िया तथा विश्वगुरु होने के गौरव को पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
                               धन्यवाद
                            रामेश्वर वर्मा
                      शिक्षक(पं) छत्तीसगढ़

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