🌷 मिड ब्रेन एक्टिवेशन- योग का आधुनिक रूप 🌷
✍मिड ब्रेन एक्टिवेशन मन-मस्तिष्क क्षमता विकास की आधुनिक तकनीक है। जो विदेशों के साथ-साथ भारत के बड़े शहरों में भी प्रचलित होने लगा है। यह मस्तिष्क क्षमता विकास के क्षेत्र में योग का आधुनिक रूप है। कुछ कंपनियों द्वारा कॉपीराइट होने तथा इसका प्रशिक्षण शुल्क महंगा होने के कारण सार्वजनिक नहीं हो पाने से अधिकांश लोगों के लिए अपरिचित है, लेकिन अब यह धीरे-धीरे काफी प्रचलित होने लगा है|
प्रायः हम सभी दुविधा शब्द से परिचित हैं। यह मानव के मन- मस्तिष्क की वह स्थिति है जब एक मन एक काम करने को सही ठहराता है और दूसरा मन दूसरे कार्य को करने को सही ठहराता है। इस स्थिति में आदमी निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करता है। इसी स्थिति को दूविधा कहा जाता है।
इस स्थिति में इंसान को महसूस होता है कि हमारे पास दो तरह के मन है और वह अलग अलग तरह से काम करता है और उनके अलग-अलग तरह से काम करना ही दुविधा या कंफ्यूजन पैदा करता है। इस स्थिति में मानव मन-मस्तिष्क ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है।
इस मिड ब्रेन एक्टिवेशन में विद्यार्थियों के इन्हीं दोनों मन- मस्तिष्क बायां मस्तिष्क और दांया मस्तिष्क अर्थात चेतन मन और अवचेतन मन को जोड़ने= योग करने अर्थात समन्वित रूप से कार्य कर सकने का अभ्यास करवाया जाता है। जिससे कि मन-मस्तिष्क समन्वित रूप / एकाग्रता के रूप में बेहतर ढंग से कार्य करने लगता है।इससे मन-मस्तिष्क उन चीजो (विषय-वस्तु) को आसानी समझने/ महसुस करने में समर्थ हो जाता है जिसे सामान्य कहे जाने वाले विद्यार्थी समझने में काफी कठिनाई महसूस करते हैं. इसलिए यह शिक्षा ( पढ़ाई-लिखाई) के क्षेत्र में काफी उपयोगी/ सहयोगी होता है.
इस मिड ब्रेन एक्टिवेशन प्रयोग में विद्यार्थियों/ प्रशिक्षार्थियों को संगीत के साथ योगासन की तरह के खास व्यायाम, मन-मस्तिष्क की क्षमता विकास सम्बन्धी जानकारी, प्रेरणादायक शिक्षा के साथ माइंड गेम के अभ्यास तथा खास ध्वनि के साथ ध्यान के उपयोग के द्वारा मस्तिष्क को अल्फा तरंग की अवस्था में ला सकने का अभ्यास करवाया जाता है। जो कि मस्तिष्क की बहुत ही एकाग्र तथा प्रतिभाशाली अवस्था है। जिसे योग की धारणा ध्यान की अवस्था भी कहा जा सकता है। इस अवस्था में मानव मस्तिष्क बहुत ही उन्नत ढंग से कार्य करने में समर्थ हो जाता है। यही वह अवस्था है जिसका उपयोग जाने अनजाने जन्मजात रूप से अति प्रतिभावान विद्यार्थी करते हैं।
*इस अवस्था को पतंजलि योग के अंतर्गत धारणा ध्यान के उपयोग से भी प्राप्त किया जा सकता है।*
इस मिड ब्रेन एक्टिवेशन प्रशिक्षण से धीरे-धीरे विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा विकसित होने/ प्रकट होने लगती है। विद्यार्थी/ प्रशिक्षार्थी पहले की तुलना में तथा सामान्य विद्यार्थियों की तुलना में अधिक प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगते है।जन्मजात अतिप्रतिभावान (extraordinary student) की तरह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगते हैं, तथा पहले की तुलना में बेहतर पढ़ाई करने में समर्थ हो जाते हैं।
यह शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण ज्ञान है। पूर्वाग्रह को छोड़कर अगर इस पर पर्याप्त रिसर्च करके इसे सर्व सुलभ करवाया जाए।अथवा पतंजलि योग के सहयोग से इसी तरह की मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक विकसित की जाए तो यह विद्यार्थियों को प्रतिभावान बनाने तथा शिक्षा में गुणवत्ता लाने, शिक्षा के स्तर को उन्नत बनाने में सहयोगी सिद्ध होगा।
धन्यवाद
- रामेश्वर वर्मा (शिक्षक)
✍मिड ब्रेन एक्टिवेशन मन-मस्तिष्क क्षमता विकास की आधुनिक तकनीक है। जो विदेशों के साथ-साथ भारत के बड़े शहरों में भी प्रचलित होने लगा है। यह मस्तिष्क क्षमता विकास के क्षेत्र में योग का आधुनिक रूप है। कुछ कंपनियों द्वारा कॉपीराइट होने तथा इसका प्रशिक्षण शुल्क महंगा होने के कारण सार्वजनिक नहीं हो पाने से अधिकांश लोगों के लिए अपरिचित है, लेकिन अब यह धीरे-धीरे काफी प्रचलित होने लगा है|
प्रायः हम सभी दुविधा शब्द से परिचित हैं। यह मानव के मन- मस्तिष्क की वह स्थिति है जब एक मन एक काम करने को सही ठहराता है और दूसरा मन दूसरे कार्य को करने को सही ठहराता है। इस स्थिति में आदमी निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करता है। इसी स्थिति को दूविधा कहा जाता है।
इस स्थिति में इंसान को महसूस होता है कि हमारे पास दो तरह के मन है और वह अलग अलग तरह से काम करता है और उनके अलग-अलग तरह से काम करना ही दुविधा या कंफ्यूजन पैदा करता है। इस स्थिति में मानव मन-मस्तिष्क ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है।
इस मिड ब्रेन एक्टिवेशन में विद्यार्थियों के इन्हीं दोनों मन- मस्तिष्क बायां मस्तिष्क और दांया मस्तिष्क अर्थात चेतन मन और अवचेतन मन को जोड़ने= योग करने अर्थात समन्वित रूप से कार्य कर सकने का अभ्यास करवाया जाता है। जिससे कि मन-मस्तिष्क समन्वित रूप / एकाग्रता के रूप में बेहतर ढंग से कार्य करने लगता है।इससे मन-मस्तिष्क उन चीजो (विषय-वस्तु) को आसानी समझने/ महसुस करने में समर्थ हो जाता है जिसे सामान्य कहे जाने वाले विद्यार्थी समझने में काफी कठिनाई महसूस करते हैं. इसलिए यह शिक्षा ( पढ़ाई-लिखाई) के क्षेत्र में काफी उपयोगी/ सहयोगी होता है.
इस मिड ब्रेन एक्टिवेशन प्रयोग में विद्यार्थियों/ प्रशिक्षार्थियों को संगीत के साथ योगासन की तरह के खास व्यायाम, मन-मस्तिष्क की क्षमता विकास सम्बन्धी जानकारी, प्रेरणादायक शिक्षा के साथ माइंड गेम के अभ्यास तथा खास ध्वनि के साथ ध्यान के उपयोग के द्वारा मस्तिष्क को अल्फा तरंग की अवस्था में ला सकने का अभ्यास करवाया जाता है। जो कि मस्तिष्क की बहुत ही एकाग्र तथा प्रतिभाशाली अवस्था है। जिसे योग की धारणा ध्यान की अवस्था भी कहा जा सकता है। इस अवस्था में मानव मस्तिष्क बहुत ही उन्नत ढंग से कार्य करने में समर्थ हो जाता है। यही वह अवस्था है जिसका उपयोग जाने अनजाने जन्मजात रूप से अति प्रतिभावान विद्यार्थी करते हैं।
*इस अवस्था को पतंजलि योग के अंतर्गत धारणा ध्यान के उपयोग से भी प्राप्त किया जा सकता है।*
इस मिड ब्रेन एक्टिवेशन प्रशिक्षण से धीरे-धीरे विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा विकसित होने/ प्रकट होने लगती है। विद्यार्थी/ प्रशिक्षार्थी पहले की तुलना में तथा सामान्य विद्यार्थियों की तुलना में अधिक प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगते है।जन्मजात अतिप्रतिभावान (extraordinary student) की तरह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगते हैं, तथा पहले की तुलना में बेहतर पढ़ाई करने में समर्थ हो जाते हैं।
यह शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण ज्ञान है। पूर्वाग्रह को छोड़कर अगर इस पर पर्याप्त रिसर्च करके इसे सर्व सुलभ करवाया जाए।अथवा पतंजलि योग के सहयोग से इसी तरह की मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक विकसित की जाए तो यह विद्यार्थियों को प्रतिभावान बनाने तथा शिक्षा में गुणवत्ता लाने, शिक्षा के स्तर को उन्नत बनाने में सहयोगी सिद्ध होगा।
धन्यवाद
- रामेश्वर वर्मा (शिक्षक)
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