एक्स्ट्रा आर्डिनरी विद्यार्थियों की शिक्षा

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                  *Education of Extraordinary*
                                 *students*
                *(असाधारण विद्यार्थियों की शिक्षा )*
             
                जन्मजात रूप से असाधारण बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को विश्वस्तर पर उपलब्ध नए उन्नत मनोविज्ञान या योग-ध्यान में वर्णित तथा योग-ध्यान के साधकों द्वारा अनुभव किए जाने वाले उन्नत मन-मस्तिष्क प्रतिभा/ क्षमता के नियमानुसार उनके विशेष प्रतिभा का शिक्षा तथा विज्ञानऔर टेक्नोलोजी के क्षेत्र में नये ज्ञान प्राप्ति या खोज-आविष्कार कर सकने योग्य सुवुधा तथा मार्गदर्शन दिया जाना उनके असाधारण प्रतिभा का बेहतर सदुपयोग सिद्ध होगा.                           
                हमारे भी देश में अनेक असाधारण प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थी है।जिनके बारे में अक्सर हमे विभिन्न समाचार माध्यमों के द्वारा पढ़ने,देखने,सुनने को मिलता है।इन असाधारण विद्यार्थियों के लिए अपनी विशेष प्रतिभा के विकास हेतु मार्गदर्शन या आवश्यक सहयोग के बारे में हमारे वर्तमान शिक्षा पद्धति में कोई विशेष शिक्षा / मार्गदर्शन की व्यवस्था नही होने के कारण उन्हें सामान्य विद्यार्थियो की तरह ही सामान्य शिक्षा लेने के लिए विवश होना पड़ता है।
              अगर इनको योग-ध्यान मनोविज्ञान के मन-मस्तिष्क क्षमता विकास पर आधारित सिद्धांत के उपयोग से जन्मजात उपलब्ध प्रतिभा के विशेष उपयोग संबंधी आवश्यक मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया जाय तथा इन्हे शोध (रिसर्च) करने,रूचि अनुकूल कार्य करने की ओर प्रेरित किया जाय तो-
               इस तरह के विद्यार्थी नए वैज्ञानिक खोज,अविष्कार कर सकने में सक्षम हो सकते हैं। नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर सकने योग्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं। क्योंकि इस तरह के विद्यार्थियों में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों की तरह ही मानसिक क्षमता (सिक्स सेंस की तरह क्षमता) विद्यमान होती है। जिससे विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रौशन कर सकते है।देश की शिक्षा को उन्नत विश्वस्तरीय बनाने या देश को विकसित बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है.
               देश की शिक्षा को उन्नत बनाने तथा विशेष प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थियों की पहचान तथा मार्गदर्शन के लिए- वर्तमान मनोविज्ञान को अपग्रेड करने की आवश्यकता है क्योंकि-
प्रथम तो यह कि-
              वर्तमान में प्रचलित मनोविज्ञान असाधारण प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थियो की प्रतिभा को मनोरोग के रूप में वर्णित,परिभाषित करता है।अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए महान प्रतिभा को गलत कहना कहां तक न्याय संगत है।यह देश की शिक्षा तथा प्रतिभा को कमजोर करने वाला सिद्ध हो सकता है।
दूसरा यह कि-
               वर्तमान मनोविज्ञान भूतकाल का मनोविज्ञान है।वर्तमान तथा भविष्य का मनोविज्ञान विकसित होने की ओर अग्रसर है, विकसित होना शेष है।अर्थात आधुनिक मनोविज्ञान में अभी विकास की अपार सम्भावनाएँ शेष है।
    इस तरह के प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थी अन्य मानव (विद्यार्थियों) में प्राकृतिक रूप से अपार मन-मस्तिष्क क्षमता होने की संभावना के *प्रमाण* हैं।इस तरह के विद्यार्थियों को हम चमत्कारिक,कुदरती, ईश्वरीय देन मानकर तारीफ करके चुप हो जाते हैं।और मन ही मन सोचते हैं कि काश हमारे भी बच्चे ऐसे होते।अगर ऐसा सोचते है,तो आप गलत नही सोचते! क्योंकि-
               मनोविज्ञान के नए खोज तथा पश्चिमी मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि- दुनिया के 90%बच्चे जीनियस की तरह पैदा होते है।लेकिन हम सब ऐसी व्यवस्था पढ़ाई के प्रतिकूल परिस्थिति का निर्माण (नकारात्मक, अवैज्ञानिक परवरिश, व्यवहार) करते हैं कि बच्चे बड़े होते तक साधारण हो जाते हैं।
               इनमे से कुछ बच्चे जो- संयोग से विशेष प्रतिभा विकास के अनुकूल-देश,काल, वातावरण मिलने के कारण असाधारण प्रतिभा प्रदर्शित कर पाते हैं। उन्हें ही हम सब असाधारण (extraordinary) बच्चे के रूप में जानते-पहचानते हैं ।शेष(सामान्य) प्रतीत होने वाले विद्यार्थियो में भी इन असाधारण विद्यार्थियों की तरह छिपी मस्तिष्क क्षमता विद्यमान है।
               जिसे सही व्यवहार,परवरिश तथा योग और मनोविज्ञान के सरल उपायों के उपयोग,शिक्षा, प्रशिक्षण से सक्रिय,प्रकट किया जा सकता है।इस तरह के तकनीको का विकसित देशों में काफी चलन है।भारत में भी कुछ बड़े शहरों में इसका विस्तार होने लगा है।काफी मंहगी फ़ीस होने के कारण यह अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पाया है।
             अगर इस तरह के विशेष प्रतिभा विकास सम्बन्धी ज्ञान ,तकनीक के संबंध में विशेष शोध करके सरकार या शिक्षाविदों द्वारा सर्वसुलभ करवाया जा सका तो यह भारतीय शिक्षा को विकसित देशों की तरह उन्नत,विश्व-स्तरीय बनाने वाला सिद्ध होगा।
                                                                 
                                                           🍀🌟☘🌷🙏🌷☘🌟🍀

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