मानव जीवन में पतंजलि योग की उपयोगिता (Utility of Patanjali Yoga in Human life)

    🌷 मानव जीवन में पतंजलि योग की उपयोगिता 🌷
          (Utility of Patanjali Yoga in Human life)

🌟 पतंजलि योग प्राचीन भारतीय ऋषि मुनियों तथा पतंजलि मुनि के आशीर्वाद स्वरुप समस्त मानव जाति को प्राप्त दुर्लभ वरदान है। पतंजलि योग / ध्यान विधि के विधिवत उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभ को हम मुख्यतः तीन स्तर पर समझ सकते हैं।
जैसे-
प्रथम- शारीरिक लाभ।
      दूसरा- मानसिक लाभ।
           तीसरा- आध्यात्मिक लाभ।
1. *शारीरिक लाभ-* वर्तमान में देश के साथ-साथ पूरे विश्व में प्रचलित पतंजलि योग के उपयोग से प्राप्त होने वाले शारीरिक स्वास्थ्य लाभ से लगभग सभी लोग परिचित होने लगे हैं।
        योग के यम नियम पूर्वक अपने व्यक्तित्व के अनुकूल आसन तथा प्राणायाम के उपयोग से शरीर में व्याप्त विभिन्न रोगों के दूर होने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य, सबलता भी प्राप्त होता है। जिससे आदमी स्वस्थ तथा सबल अनुभव करते हुए जीवन के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर पाने, सफलता प्राप्त कर सकने में समर्थ होते हैं।

2. मानसिक लाभ- योग के यम, नियम पूर्वक आसन, प्राणायाम के साथ-साथ प्रत्याहार, धारणा, ध्यान के उपयोग से मानव चेतना में छिपी अपार मन मस्तिष्क प्रतिभा / क्षमता सक्रिय, विकसित रूप में प्रकट होने लगता है।
        जिसका उपयोग वर्तमान आधुनिक युग में शिक्षा तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी के साथ-साथ जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा सकता है। जैसा कि-
        प्राचीन काल में ऋषि-मुनियो, विद्वानों द्वारा किया जाता था।
 तथा-
      विकसित देशों के विद्वानों द्वारा मानव चेतना, मन- मस्तिष्क पर आधारित विभिन्न आधुनिक मनोवैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग से तथा योग के उपयोग से सक्रिय, प्रकट होने वाले मन-मस्तिष्क प्रतिभा, क्षमता की तरह ही अनेक विभिन्न विद्यार्थियों में उपलब्ध, सक्रिय, प्रगट,  मन-मस्तिष्क प्रतिभा का उपयोग स्वयं, समाज, देश तथा विश्व की  भलाई तथा सुख-समृद्धि के लिए- शिक्षा तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किया जा रहा है।

3. *आध्यात्मिक लाभ-* योग के यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार के साथ धारणा-ध्यान-समाधि का उपयोग मानव के आध्यात्मिक ज्ञान, अनुभव प्राप्त करने में होता है।
         योग के सभी चरणों के उपयोग से मानव चेतन में छिपी अपार मन मस्तिष्क प्रतिभा, क्षमता अपनी संपूर्ण उन्नत विकसित रूप में सक्रिय हो जाता है। जिससे धारणा ध्यान समाधि की संयुक्त अवस्था "संयम" की  इस अवस्था में मानव-चेतना आत्मा, परमात्मा, अस्तित्व, सूक्ष्म जगत के रहस्यों को समझने, अनुभव करने में समर्थ हो जाता है। तथा योग में वर्णित अष्ट सिद्धियों को भी इच्छा आवश्यकतानुसार उपलब्ध करने में समर्थ हो जाता है।
         मानव जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष=भ्रम (माया) मुक्ति अर्थात अस्तित्व के सत्य का अनुभव करने में समर्थ हो जाता है।
         इस तरह योग मानव को शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक लाभ उपलब्ध करा सकने में सक्षम है।

*विशेष-* योग के उपयोग से  उपलब्ध शारीरिक तथा मानसिक लाभ सांसारिक जगत के लिए भी उपयोगी है।इसके अंतर्गत योग से सक्रिय, प्रकट, उपलब्ध अपार मन-मस्तिष्क क्षमता-प्रतिभा का मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, प्रशासनिक, व्यापारिक, खेल, कला, संगीत, शिक्षा तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी आदि विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से योग से जुड़े सभी लोगों के प्रेरणा स्रोत विश्व प्रसिद्ध योग गुरु स्वामी रामदेव जी की तरह सफल होने के लिए उपयोग किया जा सकना सम्भव है।
         योग व्यक्तिगत के साथ-साथ समाज तथा देश-दुनिया के लाभ, सफलता, समाज सुधार के लिए भी सर्वाधिक उपयोगी है। योग से उपलब्ध अपार मन-मस्तिष्क क्षमता व्यक्ति, समाज, देश, दुनिया को बहुत उन्नत, सुखी-समृद्ध बना सकने में सक्षम है।
        और योग उस दिशा में अग्रसर हो चुका है
                   🌷 धन्यवाद 🌷
                     रामेश्वर वर्मा
              पथरिया मुंगेली (छ.ग.)

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