🌷 विश्व के अनसुलझे रहस्यों का निवारण सूत्र ....... 🌷
✍पूरा विश्व रहस्यों से भरा पड़ा है।देश के प्रसिद्ध समाचार चैनलों, इस विषय से संबंधित रिसर्च करने वालों के पास उपलब्ध इससे सम्बन्धित जानकारी इसका प्रमाण है। जिनमें से अनेक रहस्यों का निवारण तथा उनका वैज्ञानिक आधार अभी तक वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से प्रस्तुत नहीं किया जा सका है।
इसका वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत नहीं किया जा सकना रहस्यों का व्यर्थ या अवैज्ञानिक होना नहीं बल्कि आधुनिक विज्ञान की असमर्थता है, क्योंकि दुनिया के समस्त अनसुलझे रहस्य आधुनिक विज्ञान से भी अधिक विकसित मानव सभ्यता के विज्ञान का हिस्सा है। मानव सभ्यता अलग अलग समय में अलग अलग आयामों में पर्याप्त विकसित रहा है ।आधुनिक विज्ञान मशीनों की दृष्टि से विकसित है, प्राचीन विज्ञान अन्य क्षेत्र में विकसित रहा है ।लेकिन आधुनिक विज्ञान भी विकसित होकर एक दिन उस स्थिति पर पहुंचेगा जब वैज्ञानिक दुनिया के समस्त अनसुलझे रहस्यों का वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत कर सकेंगे।
विश्व के समस्त अनसुलझे रहस्यों का निवारण का वैज्ञानिक आधार भारत के तरफ से प्रस्तुत किया जा सकना सर्वाधिक आसान है, क्योंकि प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान मानव के मन-मस्तिष्क को विकसित कर सकने की दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक ध्यान योग तथा सुक्ष्म जगत की जानकारी के साथ अन्य रहस्यमय ज्ञान के बारे में पर्याप्त विकसित रहा है। और दुनिया के लगभग सभी अनसुलझे रहस्यों का आधार सूक्ष्म जगत (ऊर्जा-ध्वनि-चेतना) होने के कारण ही अभी तक आधुनिक विज्ञान के लिए इसे समझ पाना कठिन सिद्ध हो रहा है। जो कि प्राचीन ज्ञान विज्ञान खासकर भारतीय प्राचीन ज्ञान विज्ञान की दृष्टि से समझना आसान है।
इसके लिए प्राचीन भारतीय शिक्षा,ज्ञान-विज्ञान को अंधविश्वास और अवैज्ञानिक मानना छोड़कर रिसर्च करने की आवश्यकता है तथा रिसर्च से प्राप्त ज्ञान का उपयोग शिक्षा, विज्ञान-टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने में तथा विश्व के अनसुलझे रहस्य के निवारण में सहयोगी सिद्ध होगा।
रहस्यमय चीजों पर पर्याप्त रिसर्च करना और उससे प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग करना ही विकसित देशों के विकसित होने का मूल गहरा रहस्य है। इसलिए अगर भारत में भी ऐसा किया जा सका तो यह शिक्षा तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर देश की छवि को ज्ञान-विज्ञान के प्रकाश से चमकाने वाला सिद्ध होगा। भारत को शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनाने वाला सिद्ध होगा।
यह महत्वपूर्ण कार्य विश्व प्रसिद्ध योग गुरु सम्मानीय श्री रामदेव जी के पतंजलि योगपीठ के अंतर्गत पतंजलि विश्वविद्यालय में संचालित इसी तरह के विषयों के अध्ययन तथा शोध की सुविधा के कारण इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जा सकना सर्वाधिक सुगम है।
🌷 धन्यवाद🌷
✍पूरा विश्व रहस्यों से भरा पड़ा है।देश के प्रसिद्ध समाचार चैनलों, इस विषय से संबंधित रिसर्च करने वालों के पास उपलब्ध इससे सम्बन्धित जानकारी इसका प्रमाण है। जिनमें से अनेक रहस्यों का निवारण तथा उनका वैज्ञानिक आधार अभी तक वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से प्रस्तुत नहीं किया जा सका है।
इसका वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत नहीं किया जा सकना रहस्यों का व्यर्थ या अवैज्ञानिक होना नहीं बल्कि आधुनिक विज्ञान की असमर्थता है, क्योंकि दुनिया के समस्त अनसुलझे रहस्य आधुनिक विज्ञान से भी अधिक विकसित मानव सभ्यता के विज्ञान का हिस्सा है। मानव सभ्यता अलग अलग समय में अलग अलग आयामों में पर्याप्त विकसित रहा है ।आधुनिक विज्ञान मशीनों की दृष्टि से विकसित है, प्राचीन विज्ञान अन्य क्षेत्र में विकसित रहा है ।लेकिन आधुनिक विज्ञान भी विकसित होकर एक दिन उस स्थिति पर पहुंचेगा जब वैज्ञानिक दुनिया के समस्त अनसुलझे रहस्यों का वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत कर सकेंगे।
विश्व के समस्त अनसुलझे रहस्यों का निवारण का वैज्ञानिक आधार भारत के तरफ से प्रस्तुत किया जा सकना सर्वाधिक आसान है, क्योंकि प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान मानव के मन-मस्तिष्क को विकसित कर सकने की दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक ध्यान योग तथा सुक्ष्म जगत की जानकारी के साथ अन्य रहस्यमय ज्ञान के बारे में पर्याप्त विकसित रहा है। और दुनिया के लगभग सभी अनसुलझे रहस्यों का आधार सूक्ष्म जगत (ऊर्जा-ध्वनि-चेतना) होने के कारण ही अभी तक आधुनिक विज्ञान के लिए इसे समझ पाना कठिन सिद्ध हो रहा है। जो कि प्राचीन ज्ञान विज्ञान खासकर भारतीय प्राचीन ज्ञान विज्ञान की दृष्टि से समझना आसान है।
इसके लिए प्राचीन भारतीय शिक्षा,ज्ञान-विज्ञान को अंधविश्वास और अवैज्ञानिक मानना छोड़कर रिसर्च करने की आवश्यकता है तथा रिसर्च से प्राप्त ज्ञान का उपयोग शिक्षा, विज्ञान-टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने में तथा विश्व के अनसुलझे रहस्य के निवारण में सहयोगी सिद्ध होगा।
रहस्यमय चीजों पर पर्याप्त रिसर्च करना और उससे प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग करना ही विकसित देशों के विकसित होने का मूल गहरा रहस्य है। इसलिए अगर भारत में भी ऐसा किया जा सका तो यह शिक्षा तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर देश की छवि को ज्ञान-विज्ञान के प्रकाश से चमकाने वाला सिद्ध होगा। भारत को शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनाने वाला सिद्ध होगा।
यह महत्वपूर्ण कार्य विश्व प्रसिद्ध योग गुरु सम्मानीय श्री रामदेव जी के पतंजलि योगपीठ के अंतर्गत पतंजलि विश्वविद्यालय में संचालित इसी तरह के विषयों के अध्ययन तथा शोध की सुविधा के कारण इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जा सकना सर्वाधिक सुगम है।
🌷 धन्यवाद🌷
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