🌷Google / किसी भी कम्पनी की उन्नति में योग की भूमिका 🌷
✍ योग-ध्यान या विश्व में प्रचलित इसी तरह के अन्य मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक किसी भी मानव के सामान्य से अधिक छिपी मन-मस्तिष्क क्षमता, प्रतिभा को सक्रिय/ प्रगट करने की विधि है। इसके साथ-साथ मोटिवेशन के रूप में मनोविज्ञान या सम्मोहन विज्ञान का उपयोग मस्तिष्क क्षमता विकास की त्वरित विधि है। जो सोने पे सुहागा जैसा है। यह अन्य कंपनियों के लिए कठिन लेकिन गूगल कंपनी के वातावरण में बहुत आसान है।
दुनिया की हर कंपनी अपना सतत विकास चाहती है। इसी तरह गूगल भी अपने कर्मचारियों से बेहतर प्रतिभा प्रदर्शन के साथ कंपनी का विस्तार चाहती होगी। google कम्पनी अधिकांशतः इंजीनियरों का समूह है। जो विश्व स्तरीय प्रतिभावान तथा विश्वस्तरीय ज्ञान से परिचित, प्रशिक्षित हैं। विश्व गुरु Google को कुछ ज्ञान देना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है।
लेकिन चूँकि Google के इंजीनियर कर्मचारी नेचुरल बहुत प्रतिभावान है। इसलिए योग की भाषा में इसके आठ चरणों यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि में से प्रत्याहार-धारणा की अवस्था अर्थात विज्ञान की भाषा में मस्तिष्क की अल्फा तरंग अवस्था तक जन्मजात प्राकृतिक रूप से पहुंच ही चुके हैं। इसलिए-
अगर इन्हें प्रचलित योग या विश्वस्तर पर प्रचलित अन्य मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक के सहयोग से गूगल कार्यालय के आश्रम जैसे माहौल तथा मनोविज्ञान पर आधारित कार्यशैली के वातावरण के बीच फ्री टाइम में योग के प्रारम्भिक चरणों के साथ धारणा-ध्यान अर्थात मस्तिष्क की अल्फा-थीटा तरंग अवस्था को गहराई से अनुभव करने का प्रतिदिन कुछ समय अभ्यास करवाया जाए तथा इस अवस्था में टीम लीडर द्वारा कंपनी के लिए नए आइडियाज, खोज-आविष्कार संबंधी ज्ञान को इस रिसेप्टिव अवस्था में प्रकृति से ग्रहण कर सकने का सुझाव दिया जाए अथवा इस अवस्था में कर्मचारियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए मोटिवेशनल सुझाव दिया जाए तो इस प्रयोग से शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य सुधरने/ कार्यकुशलता बढ़ने के साथ-साथ मन मस्तिष्क में छिपी अतिरिक्त प्रतिभा क्षमता प्रकट, सक्रिय होने से Google कंपनी के कर्मचारी और अधिक प्रतिभा का प्रदर्शन करने में समर्थ हो सकेंगे। गूगल कंपनी में अपना अधिक बेहतर योगदान दे सकेंगे।
हो सकता है इतनी बड़ी विश्वस्तरीय कंपनी है, तो अनेक तरह की तकनीक का उपयोग पहले से करते होंगे, लेकिन इस तरह के तकनीक का उपयोग अर्थात कंपनी से संबंधित अथवा विज्ञान से संबंधित नए खोज आविष्कार अथवा नए आइडियाज़ खोजने के लिए मस्तिष्क की अल्फा-थीटा तरंग अवस्था का उपयोग किया जाना कंपनी के लिए नया और बेहतर अनुभव होगा ।
यह जो मस्तिष्क की अल्फा-थीटा तरंग अवस्था अर्थात योग ध्यान की भाषा में धारणा ध्यान की अवस्था है । यह नए वैज्ञानिक खोज कर सकने या नए आइडियाज उपलब्ध कर सकने की मानसिक दशा है। क्योंकि अभी तक मानव जाति के इतिहास में जितने भी महत्वपूर्ण खोज, आविष्कार या महत्वपूर्ण ज्ञान उपलब्ध हुए हैं, वह जाने अनजाने खोजकर्ता के इसी मानसिक अवस्था में हुए हैं।
इसका उपयोग Google के इंजीनियर नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर सकने योग्य नए वैज्ञानिक खोज करने में कर सकते हैं ।Google कंपनी को और अधिक बेहतर बनाने में अपना सर्वोत्तम योगदान दे सकते हैं। उच्च स्तर के इंजीनियरों Google जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले इंजीनियरों को धारणा ध्यान अर्थात मस्तिष्क की अल्फा बीटा तरंग अवस्था प्राप्त करने/ अनुभव करने के लिए कुछ विशेष प्रयास की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ अपने मस्तिष्क को सामान्य की तुलना में थोड़ा और अधिक रिलैक्स अवस्था में कुछ समय के लिए इस अवस्था में रखने/ रहने दे देने की आवश्यकता है। उस अवस्था में ही प्रकृति से इंटरनेट की तरह नए आइडियाज मन मस्तिष्क में प्रवेश करते हैं।
यह दुनिया के सभी कंपनियों के लिए उपयोगी है लेकिन -
अन्य कंपनियों के या समूहों के अपेक्षाकृत तनाव भरे माहौल में इस तकनीक का उपयोग अथवा इस तकनीक के उपयोग से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होना आश्रम जैसा मानवीय माहौल निर्मित किए बिना अत्यंत कठिन है, लेकिन गूगल के ध्यान के अनुकूल आश्रम जैसे वातावरण तथा मनोविज्ञान के अनुकूल कार्य-शैली के वातावरण में सबसे आसान है। यह Google का प्लस पॉइंट है।जो इसे अन्य कंपनियों से बेहतर बनाती है।
धन्यवाद
✍ योग-ध्यान या विश्व में प्रचलित इसी तरह के अन्य मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक किसी भी मानव के सामान्य से अधिक छिपी मन-मस्तिष्क क्षमता, प्रतिभा को सक्रिय/ प्रगट करने की विधि है। इसके साथ-साथ मोटिवेशन के रूप में मनोविज्ञान या सम्मोहन विज्ञान का उपयोग मस्तिष्क क्षमता विकास की त्वरित विधि है। जो सोने पे सुहागा जैसा है। यह अन्य कंपनियों के लिए कठिन लेकिन गूगल कंपनी के वातावरण में बहुत आसान है।
दुनिया की हर कंपनी अपना सतत विकास चाहती है। इसी तरह गूगल भी अपने कर्मचारियों से बेहतर प्रतिभा प्रदर्शन के साथ कंपनी का विस्तार चाहती होगी। google कम्पनी अधिकांशतः इंजीनियरों का समूह है। जो विश्व स्तरीय प्रतिभावान तथा विश्वस्तरीय ज्ञान से परिचित, प्रशिक्षित हैं। विश्व गुरु Google को कुछ ज्ञान देना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है।
लेकिन चूँकि Google के इंजीनियर कर्मचारी नेचुरल बहुत प्रतिभावान है। इसलिए योग की भाषा में इसके आठ चरणों यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि में से प्रत्याहार-धारणा की अवस्था अर्थात विज्ञान की भाषा में मस्तिष्क की अल्फा तरंग अवस्था तक जन्मजात प्राकृतिक रूप से पहुंच ही चुके हैं। इसलिए-
अगर इन्हें प्रचलित योग या विश्वस्तर पर प्रचलित अन्य मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक के सहयोग से गूगल कार्यालय के आश्रम जैसे माहौल तथा मनोविज्ञान पर आधारित कार्यशैली के वातावरण के बीच फ्री टाइम में योग के प्रारम्भिक चरणों के साथ धारणा-ध्यान अर्थात मस्तिष्क की अल्फा-थीटा तरंग अवस्था को गहराई से अनुभव करने का प्रतिदिन कुछ समय अभ्यास करवाया जाए तथा इस अवस्था में टीम लीडर द्वारा कंपनी के लिए नए आइडियाज, खोज-आविष्कार संबंधी ज्ञान को इस रिसेप्टिव अवस्था में प्रकृति से ग्रहण कर सकने का सुझाव दिया जाए अथवा इस अवस्था में कर्मचारियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए मोटिवेशनल सुझाव दिया जाए तो इस प्रयोग से शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य सुधरने/ कार्यकुशलता बढ़ने के साथ-साथ मन मस्तिष्क में छिपी अतिरिक्त प्रतिभा क्षमता प्रकट, सक्रिय होने से Google कंपनी के कर्मचारी और अधिक प्रतिभा का प्रदर्शन करने में समर्थ हो सकेंगे। गूगल कंपनी में अपना अधिक बेहतर योगदान दे सकेंगे।
हो सकता है इतनी बड़ी विश्वस्तरीय कंपनी है, तो अनेक तरह की तकनीक का उपयोग पहले से करते होंगे, लेकिन इस तरह के तकनीक का उपयोग अर्थात कंपनी से संबंधित अथवा विज्ञान से संबंधित नए खोज आविष्कार अथवा नए आइडियाज़ खोजने के लिए मस्तिष्क की अल्फा-थीटा तरंग अवस्था का उपयोग किया जाना कंपनी के लिए नया और बेहतर अनुभव होगा ।
यह जो मस्तिष्क की अल्फा-थीटा तरंग अवस्था अर्थात योग ध्यान की भाषा में धारणा ध्यान की अवस्था है । यह नए वैज्ञानिक खोज कर सकने या नए आइडियाज उपलब्ध कर सकने की मानसिक दशा है। क्योंकि अभी तक मानव जाति के इतिहास में जितने भी महत्वपूर्ण खोज, आविष्कार या महत्वपूर्ण ज्ञान उपलब्ध हुए हैं, वह जाने अनजाने खोजकर्ता के इसी मानसिक अवस्था में हुए हैं।
इसका उपयोग Google के इंजीनियर नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर सकने योग्य नए वैज्ञानिक खोज करने में कर सकते हैं ।Google कंपनी को और अधिक बेहतर बनाने में अपना सर्वोत्तम योगदान दे सकते हैं। उच्च स्तर के इंजीनियरों Google जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले इंजीनियरों को धारणा ध्यान अर्थात मस्तिष्क की अल्फा बीटा तरंग अवस्था प्राप्त करने/ अनुभव करने के लिए कुछ विशेष प्रयास की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ अपने मस्तिष्क को सामान्य की तुलना में थोड़ा और अधिक रिलैक्स अवस्था में कुछ समय के लिए इस अवस्था में रखने/ रहने दे देने की आवश्यकता है। उस अवस्था में ही प्रकृति से इंटरनेट की तरह नए आइडियाज मन मस्तिष्क में प्रवेश करते हैं।
यह दुनिया के सभी कंपनियों के लिए उपयोगी है लेकिन -
अन्य कंपनियों के या समूहों के अपेक्षाकृत तनाव भरे माहौल में इस तकनीक का उपयोग अथवा इस तकनीक के उपयोग से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होना आश्रम जैसा मानवीय माहौल निर्मित किए बिना अत्यंत कठिन है, लेकिन गूगल के ध्यान के अनुकूल आश्रम जैसे वातावरण तथा मनोविज्ञान के अनुकूल कार्य-शैली के वातावरण में सबसे आसान है। यह Google का प्लस पॉइंट है।जो इसे अन्य कंपनियों से बेहतर बनाती है।
धन्यवाद
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