पतंजलि योग से नए व्यक्तित्व का निर्माण (Creating New Personalities from Patanjali Yoga)

          🌷पतंजलि योग से नए व्यक्तित्व का निर्माण 🌷
     (Creating New Personalities from Patanjali Yoga)
          
          प्रत्येक व्यक्ति को जन्म के साथ अनुवांशिक गुण के रूप में एक व्यक्तित्व मिलता है। जिसमें देश काल वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। जिसके के हिसाब से व्यक्तित्व में परिवर्तन के द्वारा एक खास व्यक्तित्व उपलब्ध होता है। सामान्यतः उसी के अनुसार आदमी जीवन भर कार्य, व्यवहार करता है, तथा उसी नजरिए से जीवन, दुनिया को देखता/ समझता है।
          कुछ धर्मों में जन्म के पश्चात द्विज अर्थात नए व्यक्तित्व निर्माण की परंपरा है। यह नए व्यक्तित्व का निर्माण विभिन्न धर्मों, परंपराओं, मान्यताओं, शिक्षा, देश काल वातावरण के साथ-साथ पतंजलि योग से भी बहुत बेहतर ढंग से हो पाता है अर्थात-  पतंजलि योग एक बेहतर नया व्यक्तित्व निर्माण कर सकने में सक्षम है।
         योग करने के पहले मानव का जिस तरह का व्यक्तित्व होता है, योग करने के पश्चात व्यक्तित्व में काफी सुधार होता है, और लंबे समय तक नियमित, विधिवत योग करने या योग को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना लेने से व्यक्तित्व में आमूलचूल सुधार होता है। जो योग से जुड़ाव की तुलना में सतत विकसित होता रहता है।
         जन्म के साथ उपलब्ध देश काल वातावरण के प्रभाव से निर्मित व्यक्तित्व से आप पूर्णतः संतुष्ट हैं। तो बहुत अच्छी बात है।
   लेकिन -
        अगर आप उपलब्ध व्यक्तित्व से संतुष्ट नहीं है या उसमें सुधार करना चाहते हैं अर्थात उपलब्ध व्यक्तित्व को बेहतर बनाना चाहते हैं तो-
           विभिन्न उपायों के बीच जन्मजात व्यक्तित्व में सुधार हेतु बचपन से ही स्कूली तथा बड़े होने पर उच्च शिक्षा प्राप्त करना प्रचलित और सर्वमान्य उपाय है।
           लेकिन वर्तमान शिक्षा पद्धति में नैतिक शिक्षा या व्यक्तित्व विकास सम्बन्धी कोई प्रमाणिक असरकारक विधि उपलब्ध नही होने के कारण वर्तमान में प्राप्त शिक्षा से बेहतर व्यक्तित्व निर्माण अत्यंत कठिन होने लगा है।
         क्योंकि आधुनिक कॉन्पिटीशन के जमाने में नौकरी पाने योग्य शिक्षा प्राप्त कर लेना ही मुख्य उद्देश्य हो गया है। व्यक्तित्व निर्माण के लिए नैतिक शिक्षा की और ध्यान काफी कम हो गया है। जिसकी चिंता लगभग सभी शिक्षाविदों को है,जिसके कारण ही देश के प्रमुख शिक्षाविदों द्वारा समय समय पर विद्यार्थियों में अच्छे व्यक्तित्व के निर्माण हेतु बेहतर नैतिक शिक्षा लागू करने संबंधी सुझाव भी प्रस्तुत किए जाते रहे है।
         अच्छा जीवन जीने या अच्छे जॉब के लिए मोटी फीस देकर विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों या मोटिवेशनल गुरुओं से व्यक्तित्व निर्माण संबंधी ज्ञान प्राप्त करना पड़ता है।
         जिस कमी की पुर्ति के लिए वर्तमान में सर्वोत्तम विकल्प सबके सामने विश्व प्रसिद्ध योग गुरु सम्मानीय रामदेव जी के अथक प्रयास से पतंजलि योग के रूप में प्रकट हो चुका है।
         इसलिए बेहतर व्यक्तित्व निर्माण के लिए शिक्षा के साथ-साथ योग के शरण में जाने अर्थात योग अपनाने की आवश्यकता है। योग का हजारों साल का प्रमाण है कि- योग का विधिवत नियमित उपयोग आदमी के व्यक्तित्व को कई गुना बेहतर बना देता है।
         योग आपके व्यक्तित्व को शारीरिक मानसिक तथा आध्यात्मिक सभी रूपों में संपूर्ण सुधार करके उन्नत बनाने में सक्षम है।
         योग खासकर पतंजलि योग आपको शारीरिक मानसिक रूप से स्वस्थ बनाकर आपके भीतर प्राकृतिक रूप से छिपी अपार मन-मस्तिष्क क्षमता को भी विकसित करने में सक्षम है, जो आपको सांसारिक के साथ-साथ बौद्धिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी उन्नत सफल बनाने में सक्षम है। हम सब देशवासियों के साथ-साथ विश्व स्तर पर सभी लोगों के लिए ऋषियों के खासकर पतंजलि मुनि के आशीर्वाद के रूप में सबके बीच देश दुनिया में प्रकट, उपलब्ध हो चुका है।
         बस पतंजलि योग रुपी आशीर्वाद को ग्रहण करके अपने व्यक्तित्व को सुधार कर अपना जीवन सफल बनाने के साथ परिवार, समाज, देश, दुनिया को भी बेहतर बनाने में अपनी भागीदारी निभाने की आवश्यकता है।
         देश दुनिया के भावी कर्णधार विद्यार्थियों के लिए योग मन-मस्तिष्क प्रतिभा,क्षमता का विकास करने के साथ-साथ शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य लाभ तथा तथा सबलता प्राप्त करके व्यक्तित्व विकास करने अर्थात नए व्यक्तित्व निर्माण करने के रूप में सर्वाधिक उपयोगी है।
                 🌷धन्यवाद🌷
                    रामेश्वर वर्मा
             पथरिया, मुंगेली (छ.ग.)

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