🌷 योग से स्वच्छता अभियान में सफलता🌷
भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार के लिए काफी दिनों से राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से काफी कुछ सुधार आया है, लेकिन संपूर्ण तथा स्थाई सुधार अपेक्षित है। जिसमें योग का उपयोग अत्यंत सहयोगी तथा महत्वपूर्ण है।
योग के सहयोग से स्वच्छता में सुधार हेतु योग साधको को यम, नियम पूर्वक आसन, प्राणायाम के साथ 5 मिनट का ध्यान करवाने के पश्चात अस्वच्छता से होने वाले नुकसान तथा स्वच्छता से लाभ संबंधी व्याख्यान दिया जाना चाहिए। जैसे-
स्वच्छता का पालन नहीं करने अर्थात अस्वच्छता पूर्वक जीवन जीने से विभिन्न शारीरिक, मानसिक रोग तथा दरिद्रता, बुद्धि हीनता पैदा होता है। काफी कष्ट होता है, आर्थिक स्थिति में कमजोरी तथा कार्य क्षमता में कमी आती है, जो गरीबी तथा कष्ट का प्रमुख कारण है। इसलिए-
स्वच्छता का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, स्वच्छता का पालन करने से अर्थात स्वस्थ जीवनचर्या अपनाने से-
समाज के लोगों से सम्मान प्राप्त होता है, शरीर तथा मन-मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। शरीर तथा मन मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है, जिससे हम जीवन में अधिक बेहतर कार्य कर सकने में अधिक सफल हो सकने में समर्थ होते हैं। अधिक धन कमा सकने में समर्थ होते हैं, तथा सुखपूर्वक रह सकने में समर्थ होते हैं।
कहा गया है कि- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन-मस्तिष्क निवास करता है, और स्वस्थ मन-मस्तिष्क से विचार तथा बुद्धि बेहतर होता है, जो जीवन में सम्मान तथा सफलता प्राप्त करने में सहायक है।
इसके साथ ही भारत चूँकि धर्म/आध्यात्म प्रधान देश है और धर्म ग्रंथों में कहा गया है तथा इस बात से हम सभी परिचित हैं कि- साफ शुद्ध अवस्था में किया गया पूजा-पाठ, प्रार्थना अधिक फलदाई होता है, त्योहार के अवसर पर हम सभी भारतवासी अपने शरीर, वस्त्र, घर, आसपास को स्वच्छ रखने का प्रयास करते हैं/स्वच्छ रखते हैं। जिससे त्योहार के दिनों में मन मस्तिष्क प्रसन्न रहता है तथा ऐसा माना जाता है की इससे देवी-देवताओं का आगमन होता है, सुख समृद्धि प्राप्त होती है। खासकर दीपावली के अवसर पर पर्याप्त साफ-सफाई करते हैं तथा देवी-देवताओं (लक्ष्मी) को आमंत्रित करते हैं।तो-
क्यों न हम सब देशवासी शरीर, मन, वस्त्र, घर,विचार-व्यवहार को सिर्फ त्योहार में साफ-स्वच्छ/शुद्ध रखने बजाय 12 माह हमेशा साफ-स्वच्छ/शुद्ध रखकर हमेशा त्यौहार का आनंद लें। हमेशा लक्ष्मी तथा देवी देवताओं को आमंत्रित करते रहें, जिससे स्वयं, घर-गांव, समाज, देश में सुख-समृद्धि बनी रहे। देश फिर से सोने की चिड़िया कहलाए।
🌷धन्यवाद🌷
भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार के लिए काफी दिनों से राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से काफी कुछ सुधार आया है, लेकिन संपूर्ण तथा स्थाई सुधार अपेक्षित है। जिसमें योग का उपयोग अत्यंत सहयोगी तथा महत्वपूर्ण है।
योग के सहयोग से स्वच्छता में सुधार हेतु योग साधको को यम, नियम पूर्वक आसन, प्राणायाम के साथ 5 मिनट का ध्यान करवाने के पश्चात अस्वच्छता से होने वाले नुकसान तथा स्वच्छता से लाभ संबंधी व्याख्यान दिया जाना चाहिए। जैसे-
स्वच्छता का पालन नहीं करने अर्थात अस्वच्छता पूर्वक जीवन जीने से विभिन्न शारीरिक, मानसिक रोग तथा दरिद्रता, बुद्धि हीनता पैदा होता है। काफी कष्ट होता है, आर्थिक स्थिति में कमजोरी तथा कार्य क्षमता में कमी आती है, जो गरीबी तथा कष्ट का प्रमुख कारण है। इसलिए-
स्वच्छता का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, स्वच्छता का पालन करने से अर्थात स्वस्थ जीवनचर्या अपनाने से-
समाज के लोगों से सम्मान प्राप्त होता है, शरीर तथा मन-मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। शरीर तथा मन मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है, जिससे हम जीवन में अधिक बेहतर कार्य कर सकने में अधिक सफल हो सकने में समर्थ होते हैं। अधिक धन कमा सकने में समर्थ होते हैं, तथा सुखपूर्वक रह सकने में समर्थ होते हैं।
कहा गया है कि- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन-मस्तिष्क निवास करता है, और स्वस्थ मन-मस्तिष्क से विचार तथा बुद्धि बेहतर होता है, जो जीवन में सम्मान तथा सफलता प्राप्त करने में सहायक है।
इसके साथ ही भारत चूँकि धर्म/आध्यात्म प्रधान देश है और धर्म ग्रंथों में कहा गया है तथा इस बात से हम सभी परिचित हैं कि- साफ शुद्ध अवस्था में किया गया पूजा-पाठ, प्रार्थना अधिक फलदाई होता है, त्योहार के अवसर पर हम सभी भारतवासी अपने शरीर, वस्त्र, घर, आसपास को स्वच्छ रखने का प्रयास करते हैं/स्वच्छ रखते हैं। जिससे त्योहार के दिनों में मन मस्तिष्क प्रसन्न रहता है तथा ऐसा माना जाता है की इससे देवी-देवताओं का आगमन होता है, सुख समृद्धि प्राप्त होती है। खासकर दीपावली के अवसर पर पर्याप्त साफ-सफाई करते हैं तथा देवी-देवताओं (लक्ष्मी) को आमंत्रित करते हैं।तो-
क्यों न हम सब देशवासी शरीर, मन, वस्त्र, घर,विचार-व्यवहार को सिर्फ त्योहार में साफ-स्वच्छ/शुद्ध रखने बजाय 12 माह हमेशा साफ-स्वच्छ/शुद्ध रखकर हमेशा त्यौहार का आनंद लें। हमेशा लक्ष्मी तथा देवी देवताओं को आमंत्रित करते रहें, जिससे स्वयं, घर-गांव, समाज, देश में सुख-समृद्धि बनी रहे। देश फिर से सोने की चिड़िया कहलाए।
🌷धन्यवाद🌷
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