योग से शिक्षा के स्तर में सुधार
(Improvement in Education level by Yoga)
हमारे देश के विश्व गुरु या शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनने का रहस्य योग में छुपा है। किसी देश के विकसित होने का आधार शिक्षा है और शिक्षा का विकसित तथा आधुनिक,वैज्ञानिक रूप है- विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी जो विकसित राष्ट्र का मुख्य आधार है । प्रायः दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक खोज- अविष्कार या महत्वपूर्ण ज्ञान की उपलब्धि एक खास मानसिक दशा एकाग्रता में होता है। जिसका ही विकसित रूप है- धारणा ध्यान और समाधि का समन्वित रूप संयम है। जिसको उपलब्ध करने की विस्तृत जानकारी तथा साधना विधि पतंजलि योग में उपलब्ध है।
जो मानव मस्तिष्क क्षमता को उन्नत, प्रकट करने की विश्व की सर्वश्रेष्ठ तथा सबसे कारगर तकनीक है। इसीलिए प्राचीन काल में योग शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा हुआ करता था। जिसके सहारे भारतीय विद्वान् बिना विशेष प्रयोगशाला के सिर्फ मस्तिष्क क्षमता के सहारे ध्यान के अथवा संयम की अवस्था में विश्वस्तरीय विभिन्न ज्ञान बहुत कम समय में प्राप्त कर सकने में समर्थ होते थे।
योग के नियमित उपयोग से मानव/ विद्यार्थियों का शरीर स्वस्थ होने लगता है। शरीर की नस नाड़ियां शुद्ध होने लगती है। मन की विभिन्न कमजोरियां दूर होने तथा शरीर मन मस्तिष्क में अतिरिक्त आंतरिक उर्जा का संचार होने लगता है। जिससे मन आसानी से एकाग्र होने में सक्षम हो जाता है ।
अर्थात-
मन मस्तिष्क अल्फा तरंग की अवस्था में आने में सक्षम हो जाता है। जो पढ़ने लिखने तथा नए ज्ञान प्राप्त करने की सबसे उपयुक्त मानसिक दशा है। जिसमें प्राकृतिक रूप से छिपी अपार मस्तिष्क क्षमता सक्रिय, प्रकट होने लगती है। जो शिक्षा को उन्नत बनाने में सबसे अधिक सहयोगी है।
इसके साथ साथ इस अवस्था में विद्यार्थियों के मन मस्तिष्क की विभिन्न कमजोरियों को दूर करने तथा नए अच्छे गुण विकसित करने के लिए मनोविज्ञान के अंतर्गत उन्नत मनोचिकित्सा रूपी हिप्नोथैरेपी का उपयोग किया जा सका, तो यह शिक्षा तथा योग के क्षेत्र में सोने पे सुहागा जैसा हो जाएगा।
आधुनिक युग में जिसे विकसित देश समझ और शोध करके शिक्षा को उन्नत बनाने में विभिन्न रूपों में उपयोग कर रहे है ।अतः हमे भी अपने प्राचीन धरोहर रुपी ऋषि-मुनियों के आशीर्वाद स्वरुप प्राप्त शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के साथ-साथ मस्तिष्क क्षमता विकास की सर्वोत्तम तकनीक ध्यान योग का भारतीय शिक्षा को पुनः विश्व स्तरीय उन्नत बनाने के लिए तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी को उन्नत करने में मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक के रूप में उपयोग करने की जरूरत है।
रामेश्वर वर्मा
(Improvement in Education level by Yoga)
हमारे देश के विश्व गुरु या शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनने का रहस्य योग में छुपा है। किसी देश के विकसित होने का आधार शिक्षा है और शिक्षा का विकसित तथा आधुनिक,वैज्ञानिक रूप है- विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी जो विकसित राष्ट्र का मुख्य आधार है । प्रायः दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक खोज- अविष्कार या महत्वपूर्ण ज्ञान की उपलब्धि एक खास मानसिक दशा एकाग्रता में होता है। जिसका ही विकसित रूप है- धारणा ध्यान और समाधि का समन्वित रूप संयम है। जिसको उपलब्ध करने की विस्तृत जानकारी तथा साधना विधि पतंजलि योग में उपलब्ध है।
जो मानव मस्तिष्क क्षमता को उन्नत, प्रकट करने की विश्व की सर्वश्रेष्ठ तथा सबसे कारगर तकनीक है। इसीलिए प्राचीन काल में योग शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा हुआ करता था। जिसके सहारे भारतीय विद्वान् बिना विशेष प्रयोगशाला के सिर्फ मस्तिष्क क्षमता के सहारे ध्यान के अथवा संयम की अवस्था में विश्वस्तरीय विभिन्न ज्ञान बहुत कम समय में प्राप्त कर सकने में समर्थ होते थे।
योग के नियमित उपयोग से मानव/ विद्यार्थियों का शरीर स्वस्थ होने लगता है। शरीर की नस नाड़ियां शुद्ध होने लगती है। मन की विभिन्न कमजोरियां दूर होने तथा शरीर मन मस्तिष्क में अतिरिक्त आंतरिक उर्जा का संचार होने लगता है। जिससे मन आसानी से एकाग्र होने में सक्षम हो जाता है ।
अर्थात-
मन मस्तिष्क अल्फा तरंग की अवस्था में आने में सक्षम हो जाता है। जो पढ़ने लिखने तथा नए ज्ञान प्राप्त करने की सबसे उपयुक्त मानसिक दशा है। जिसमें प्राकृतिक रूप से छिपी अपार मस्तिष्क क्षमता सक्रिय, प्रकट होने लगती है। जो शिक्षा को उन्नत बनाने में सबसे अधिक सहयोगी है।
इसके साथ साथ इस अवस्था में विद्यार्थियों के मन मस्तिष्क की विभिन्न कमजोरियों को दूर करने तथा नए अच्छे गुण विकसित करने के लिए मनोविज्ञान के अंतर्गत उन्नत मनोचिकित्सा रूपी हिप्नोथैरेपी का उपयोग किया जा सका, तो यह शिक्षा तथा योग के क्षेत्र में सोने पे सुहागा जैसा हो जाएगा।
आधुनिक युग में जिसे विकसित देश समझ और शोध करके शिक्षा को उन्नत बनाने में विभिन्न रूपों में उपयोग कर रहे है ।अतः हमे भी अपने प्राचीन धरोहर रुपी ऋषि-मुनियों के आशीर्वाद स्वरुप प्राप्त शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के साथ-साथ मस्तिष्क क्षमता विकास की सर्वोत्तम तकनीक ध्यान योग का भारतीय शिक्षा को पुनः विश्व स्तरीय उन्नत बनाने के लिए तथा विज्ञान और टेक्नोलॉजी को उन्नत करने में मस्तिष्क क्षमता विकास तकनीक के रूप में उपयोग करने की जरूरत है।
रामेश्वर वर्मा
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